चिंता किसी भी हालत में नहीं करनी चाहिए|

पहली बात यह समझते हैं कि हमें चिंता क्यों होती है जब कोई समस्या आ जाती है

और हम उसे समस्या के बुरे प्रभाव व परिणाम के बारे में बार-बार सोचते रहते हैं

और यह बार-बार सोचना चिंता में बदल जाती है और हम हर पल हर क्षण चिंता में हो जाते हैं

और हम अपने तन मन धन सभी को चिंता करके नुकसान पहुंचाते हैं

और चिंता के लंबे समय तक चलने पर हमारे  तन मन धन सभी को नुकसान होने लगता है|

पर मैं समझता हूं की चिंता करने का कोई कारण होता ही नहीं, जरा सोचो अगर कोई समस्या आ गई है

तो हम क्या कर सकते हैं| हम दो काम कर सकते हैं|

  1. सोचो की समस्या क्या है और उसको एक कॉफी पर लिखो|

          उसका समाधान लिखे की समस्या को किस तरह से हल कर सकते हैं|

         एक सबसे अच्छे तरीके  को उठाएं जो आपकी समस्या को हल कर सकता है|

         उसे तरीके पर कार्य करें और अपनी समस्या को समाप्त कर दें तो समस्या पर अब चिंता करने का कोई कारण नहीं रह जाता है|

  1. हो सकता है कि आपके पास समस्या को हल करने का कोई तरीका नहीं है|

         तो हमें जब पता है कि हम समस्या का कुछ भी नहीं कर सकते हैं तो चिंता करके क्या कर पाओगे|

         आप उस समस्या पर बार-बार विचार करना छोडो और जिंदगी को खुशी और आनंद से जिया और समस्या अपने आराध्य प्रभु को             दे  दे वह अपनी समस्या को कैसे ना कैसे करके हल कर देंगे और आप अपनी जिंदगी को आनंदमय जिए|

         सारांश समस्या को या तो हम हल कर सकते हैं या हल नहीं कर सकते हैं हाल कर सकते हैं तो हल करें नहीं तो समस्या

         को इग्नोर करें और आनंदमय जीवन जिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *