हमें भगवान का धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि जो भी आपके पास है वह सब उसका दिया हुआ है|

यह बात मेरे एक मित्र ने बताई थी और यह बात बहुत अच्छी व effective है जो मैं आपको एक कहानी के द्वारा बताने की कोशिश करूँगा|

एक संत महात्मा जी एक पहाड़ पर कुटिया में रहते थे और भोजन के लिए हर दिन पहाड़ से नीचे आते थे और भोजन लेकर फिर से पहाड़ पर चले जाते थे और इन संत जी कि भगवान से directly बात होती थी यह बात सभी लोगों को पता थी|

उसी जगह पर एक बहुत अमीर आदमी रहता था और एक भिखारी जिसके पास तन ढकने व खाने के लिए कुछ भी नहीं था तो एक दिन अमीर आदमी संत जी से मिला और बोला कि संत जी भगवान जी से आपकी बात होती है तो आप भगवान जी से मेरी एक बात बोल देना कि भगवान जी अब मुझे धन, संपदा, पैसा, व्यापार आदि ना दो अब मेरे पास बहुत पैसा है और मैं संभाल नहीं पा रहा हूं|

उसी दिन वह भिखारी भी संत जी से मिला और बोला संत जी आप भगवान जी से बोलना कि मुझे इस हाल में रहते हुए वर्षों हो गए हैं उनसे बोलना कि अब तो कम से कम खाने व पहनने व रहने के लिए घर दे दें|

तब संत जी ने बोला ठीक है हम दोनों की बात आज शाम को रख देंगे और भगवान जी जो भी बोलेंगे आप दोनों को बता देंगे और संत जी ने भगवान जी से दोनों की बात रखी तो भगवान जी ने भिखारी के लिए संदेश बोला कि भिखारी से बोलो कि वह मेरा धन्यवाद देना चालू कर दे और अमीर व्यक्ति के लिए बोला कि वह  मेरा धन्यवाद देना बंद कर दे|

तो संत जी अपने हर दिन के हिसाब से अगले दिन फिर से भोजन के लिए पहाड़ी से फिर नीचे आए जो भिखारी से बोले कि भगवान जी ने आपके लिए बोला है कि आप भगवान का धन्यवाद देना चालू कर दें तो भिखारी गुस्सा होकर बोला कि भगवान ने दिया ही क्या है जिसके लिए मैं भगवान को धन्यवाद दूं और भिखारी गुस्सा हो गया|

फिर संत जी आगे बड़े और अमीर व्यक्ति से बोले कि भगवान जी ने आपके लिए बोला है कि आप भगवान को हर दिन धन्यवाद देते हैं उसे देना बंद कर दो भगवान आपको और धनवान बनाना बंद कर देगा|

तो अमीर आदमी बोला कि मैं धन्यवाद देना कैसे बंद कर सकता हूं यह सब कुछ इस भगवान ने दिया है मैं धन्यवाद देना बंद नहीं कर सकता हूं|

और संत जी ने फिर अगले दिन भगवान जी से बातचीत की और बताया की अमीर आदमी आपका धन्यवाद देना बंद नहीं करेगा वह बोलता है कि आपका ही दिया हुआ है सब कुछ तो भगवान जी बोले कि फिर मैं अमीर आदमी को और अधिक धन संपदा देना बंद नहीं कर सकता हूं|

और संत जी ने बोला कि वह भिखारी बोला कि वह धन्यवाद किस बात का करे भगवान ने मुझे कुछ दिया ही नहीं है मेरे पास खाने को खाना नहीं है पहनने के लिए कपड़े नहीं है तो मैं भगवान को किस बात का धन्यवाद दूं तो भगवान जी बोले की मैं उसको बड़ा आदमी नहीं बना सकता हूं क्योंकि यह भिखारी व्यक्ति भूल गया है कि वह मुझे हर दिन कोसता रहता है शिकायत करता रहता है कि यह नहीं दिया वह नहीं दिया|

पर वह भूल जाता है कि मैं हर मुसीबत से धूप, पानी, आंधी, तूफान, ठंड सभी में उसकी सहायता करता हूं यह शरीर भी मेरा दिया हुआ है और मैं हर समय उसकी रक्षा करता हूं|

तो भगवान जी ने बोला कि फिर वह अमीर व्यक्ति नहीं बन सकता है|

मैं यहां पर बताना चाहूंगा की यह सिर्फ भगवान की बात नहीं है यह बात इंसान पर भी लागू होती है उदाहरण के लिए दो लोगों को लेते हैं एक Manager Employee :-

 एक Employee अपने Manager की हर सहायता पर धन्यवाद देता है एक अच्छा Thank You Text Message भेजता है तो सोचो Manager के अंदर एक अच्छी Feeling आएगी और वह Manager उस Employee को हमेशा आगे बढ़ाने के लिए, प्रमोशन करने के लिए, salary hike अच्छी करने के लिए, उसे कभी Fire नहीं करने के लिए, हमेशा जीजान लगा देगा|

वहीं दूसरी तरफ Employee जो अपने Manager को पीठ पीछे बुराई काम चोरी लड़ाई चिडचिडापन करता रहता है तो Manager हमेशा Employee को Fire करने promotion रोकने व salary hike नहीं देने के लिए कार्य करता है|

अतः हर कार्य के लिए हमें हमेशा परमपिता परमात्मा का धन्यवाद देना चाहिए|

कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अगर आप के साथ कुछ गलत हो रहा है और आप बहुत दुखी परेशान दर-दर भटक रहे हैं और आपको कभी लगता है कि अब मैं जिंदा नहीं रहूंगा तो मैं आपको बताना चाहूंगा कि भगवान आपको आगे बढ़ने व जीतने के लिए तैयार कर रहा है उदाहरण के लिए जब घोड़े की दौड़ हो रही होती है तो उस घोड़े का मालिक उस घोड़े को कोड़े मारता है और बहुत तेज दौड़ता है तो उस मलिक का एक ही उद्देश्य होता है कि आपको रेस में जितना न कि आपको परेशान करना |

ऐसा ही हमारा मालिक परमपिता परमात्मा करता है कि जब उसे लगता है कि आप से कोई बहुत बड़ा कार्य कराना है तो वह पहले आपको टेस्ट करता है फिर आगे बढ़ता है और आपको अंत में जिताता है|

यह हम अपने मां-बाप से सीख सकते हैं वह भी जब आपको आगे बढ़ाना चाहते हैं तो आप पर पढ़ाई का दबाव डालते हैं कि बेटा / बेटी पढ़ाई करो पर हमें उस समय मां-बाप दुश्मन लगते हैं पर सच्चाई तो यह है की मां-बाप हमें आगे बढ़ाना चाहते हैं हमारी अच्छी खुशहाल आनंदमय जिंदगी चाहते हैं न कि आपको परेशान करना|

कभी-कभी भगवान आपसे कुछ छीन भी ले या आपके हिसाब से कुछ न हो तो हमें भगवान को कोसना नहीं चाहिए|

तब भी हमें भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहिए अगर भगवान ने इतना कुछ दिया है तो अगर कुछ ले भी लेता है तो कोई बात नहीं है सब भगवान का दिया हुआ ही तो है हमारा आपका उसमें है ही क्या आपने खाली हाथ इस धरती पर जन्म लिया और जीवन यापन कर रहे हो यह सब कृपा उस कृपा निधान परमपिता परमात्मा की ही तो है|

अतः कभी भी भगवान का शुक्रिया धन्यवाद देना बंद न कीजिए हमेशा हर पल, हर क्षण उस भगवान का धन्यवाद दो हर छोटी-छोटी चीज के लिए जैसे सुबह जाग कर भगवान का शुक्रिया करो कि भगवान आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मुझे यह प्यारी सुंदर सी सुबह देखने का मौका दिया नहीं तो इस संसार में लगभग 2 – 2.5 lakh व्यक्ति नहीं जागते हैं भगवान को प्यारे हो जाते हैं|

आप तकिया, गद्दा, कमल, चद्दर को धन्यवाद दें जिसने आपको रात भर अच्छी नींद लेने में सहायता की|

जैसे मैं इस पेन, व कॉपी को धन्यवाद देता हूं जिससे मैं यह लेख लिख पा रहा हूं|

हमें हर पल, हर क्षण हर छोटी बड़ी चीज में भगवान का शुक्रिया करना चाहिए साथ-साथ उसे वस्तु को धन्यवाद करना चाहिए जो आपको महान बनाने में सहायता कर रही है और आपकी दैनिक चीजों में सहायता कर रही है|

 Arvind

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