संसार के लोग बहुत बड़ा परिवर्तन स्वीकार नहीं करते हैं|
पर वह उस व्यक्ति या संस्था को ज्यादा पसंद करते हैं जो बड़े-बड़े परिवर्तन की बात करते हैं|
संसार में ज्यादातर लोगों की मानसिकता किसी बड़े बदलाव को स्वीकार करने की मानसिकता नहीं होती है जब कोई व्यक्ति किसी बड़े बदलाव की बात करता है तो आप उस व्यक्ति को बहुत अच्छा बोलते हैं उसकी वाह – वाह करेंगे बातें करेंगे कि वह व्यक्ति बहुत अच्छी बातें करता है उस व्यक्ति की मानसिकता सोच बहुत अच्छी है|
जब वही व्यक्ति अगर कोई बड़ा बदलाव समाज में कर देता है तो लोग उस बदलाव को स्वीकार नहीं कर पाते और उस व्यक्ति से नफरत करने लगते हैं|
उदाहरण के लिए कश्मीर में धारा 370 का हटाना बहुत ही जरूरी कार्य था और आज कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद वहां पर व्यापार सही से चल पा रहे हैं, दुकान पूरे हफ्ते खुल पा रही है, स्कूलों में बच्चे पढ़ पा रहे हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त कर पा रहे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि कश्मीर में शांति और सुख समृद्धि में वृद्धि हो रही है आतंकवादी अपनी आखिरी सांसे गिन रहे हैं और पत्थर वापी बंद हो गई है और घाटी का हर दिन बंद होना इंटरनेट बंद होना खत्म ही हो गया है पर अभी जो चुनाव हो रहा है कश्मीर घाटी में जहां पर 50% से ज्यादा वोट प्रतिशत हो रहा है जहां पर पहले कभी 10 – 15% से ज्यादा कभी भी नहीं गया|
पर कश्मीर घाटी की जनता की राय जानें तो बोलते हैं कि मोदी व बी.जे.पी ने हम से छीना ही छीना है कश्मीर जनता को ज्यादातर लगता है उनसे सब कुछ छीन लिया है|
लोगों की मानसिकता होती है कि अगर वह गरीबों में रह रहे हैं अगर आप एकदम से उन्हें बड़ा आदमी बना दो या बहुत सारा पैसा दे दो तो वह उस पैसे को स्वीकार ही नहीं कर पाते हैं|
जैसे मैं उदाहरण के साथ समझाता हूँ कोई व्यक्ति कौन बनेगा करोड़पति में पांच करोड़ जीत जाता है और वह व्यक्ति गरीबों से होता है तो ज्यादातर cases में देखा गया है कि जल्दी ही वह सारा पैसा बर्बाद कर देता है और वह फिर से गरीबी में आ जाता है
दूसरा उदाहरण एक lottery winner को देखो उसका सपना होता है कि 5 करोड़ जीत जाऊं तो बहुत बड़ा बन जाऊंगा ऐसा करूंगा वैसा करूंगा यह बनाऊंगा|पर ज्यादातर cases में देखा गया जब वह व्यक्ति पैसा जितना है तो वह उस पैसे को जल्दी गवां देता है और वह जल्द ही पुरानी अवस्था में वापस आ जाता है|
तो ध्यान रखें एकदम कोई बड़ा बदलाव नहीं करें पर बातें बड़े-बड़े बदलाव की करें जिससे लोग आपको पसंद करते रहे और आपके साथ खड़े रहे|
उदाहरण हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जब सन 2014 के प्रधानमंत्री उम्मीदवार थे तो उन्होंने बहुत-बहुत बड़े बदलाव की बात है कि जैसे कि पाकिस्तान को उसकी ही भाषा में जवाब देना चाहिए|
अमेरिका से आंख में आंख डालकर बात करना चाहिए न की गिड़गिड़ाना भीख मांगना|
गरीबी को जड़ से उखाड़ फेक दूंगा आदि बातें की आतंकवाद को खत्म कर दूंगा तो बड़ी-बड़ी बातों से जनता का अपार समर्थन मिला और एक भूत पूर्ण जीत हुई और राजीव गांधी जी के बाद पहली बार हुआ सन 1890 की कोई अकेली पार्टी अपने दम पर पूर्ण बहुमत लेकर आई और सरकार बनाई|
पर जब मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में छोटे-छोटे बदलाव किए सिर्फ नोटबंदी को छोड़कर तब भी जनता ने सन 2019 में फिर से अपार प्यार दिया और सन 2014 से अधिक सीटें 303 सीटें जीती और NDA 330 सीटें जीती क्योंकि यहां पर भी मोदी जी बहुत-बहुत बदलाव की बात कर रहे थे पर पिछली 5 साल में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ था|
मोदी जी ने अपने दूसरे कार्यकाल सन 2019 से 2024 में कई बड़े-बड़े बदलाव किए जैसे धारा 370 कश्मीर घाटी से हटाना CA, NRC कानून लाना, पूरे अंग्रेजी कानून को खत्म करना और नए भारतीय कानून को लाना, कृषि बिल लाना बड़े-बड़े बदलाव किए जो मेरे हिसाब से देश की स्थिरता व संपन्नता के लिए बहुत जरूरी थे|
पर हमने सन 2014 के रिजल्ट में विपक्ष एक संविधान बदलाव के लिए Narrative बन पाया और जनता ने इन बड़े-बड़े बदलाव को स्वीकार नहीं किया अधिकतम जनता सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें पसंद करती है पर बड़े-बड़े बदलाव नहीं करती है जैसे अभी एक देश एक चुनाव, एक देश, एक कानून, जैसे मुद्दे चर्चा में है पर इनका देखना जब तक चर्चा है जब तक जानता बोल रही है जरूरी है जब यह लागू होंगे तो यह अपने आप को ठगा हुआ महसूस करेंगे और इन बदलाव को स्वीकार नहीं करेंगे|
पर मेरा तो यह मानना है जो देश की स्थिरता संपन्नता और तरक्की के लिए जो भी जरूरी है वह बदलाव होना चाहिए पर भारत एक लोकतांत्रिक देश है तो संस्कारों को जनता की भावनाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि आपको 5 साल बाद फिर से चुनावी मैदान में आना है|
मेरी सरकार या प्रशासन जो सरकार में बैठे लोग हैं आप बड़े-बड़े बदलाव करो पर उनको ज्यादा बड़ा चढ़ा कर मत बताओ आप सोचते हैं कि हम इसको बड़ा चढ़ा कर बताएंगे तो देश की जनता जागरूक होगी और आपको चुनाव में फायदा होगा पर यहां उल्टा होता है जो बड़े-बड़े बदलाव जरूरी है उनको किया जाना चाहिए क्योंकि ध्यान रखने वाली बात है कि आज दुनिया बड़ी तेजी से बदल रही है और अगर हम इस स्पीड से चलते रहे तो दुनिया बहुत आगे निकल जाएगी और हम बहुत पीछे रह जाएंगे और कोई शक्तिशाली देश फिर से आक्रमण करके भारत पर शासन करेगा और फिर से गुलाम बन जाएंगे|
शक्ति ही शांति को स्थापित करने का तरीका है तो देश को शक्तिशाली व संपन्न बनाने के लिए बदलाव जरूरी है तो जरूर होना चाहिए पर तरीका सोचने की जरूरत है कि जनता की भावनाएं आहत न हो और देश शक्तिशाली बन जाए|
Arvind