Consciously choose your words that will points you in the direction of your goals
हम जब बोलते हैं तो हमें अपने शब्दों को ध्यान से बोलना चाहिए क्योंकि आपके शब्दों के द्वारा ही आपका भविष्य व जीवन का निर्णय होता है और आपके शब्दों के द्वारा ही आपका GOAL प्राप्त होता है|
जैसे बहुत सारे लोग आपने अपने आस–पास जीवन में देखे होंगे और उनके पास बहुत पैसा होता है वह रोते रहते हैं मेरे पास पैसा नहीं मेरे ऊपर कर्जा है खाने को पैसे नहीं है यहां तक की कुछ लोग बोल देते हैं मेरे पास जहर खाने तक के पैसे नहीं है|
ऊपर लिखे शब्दों को ध्यान से पढ़ो आपको नहीं लगता कि हम पैसे के साथ अन्याय कर रहे हैं उसे कोस रहे हैं उससे नफरत कर रहे हैं उसे अपने आप से दूर जाने के लिए बोल रहे हैं|
एक समय धीरे-धीरे ऐसा आएगा कि सच में पैसा आपसे दूर चला जाएगा और आप करीब हो जाओगे क्योंकि ब्रह्मांड भी आपको वही देता है जो आप हर दिन सोचते हो और हर दिन बोलते हैं क्योंकि ईश्वर, ब्रह्मांड तो यही समझता है कि इस व्यक्ति को पैसे की जरूरत नहीं है तो इसके पास पैसा क्यों रखना है किसी और को दे देते हैं जो हर दिन पैसे का सम्मान करता है पैसे का शुक्रिया अदा करता है उसको विजुलाइज करता है पैसे का सही उपयोग करता है हमेशा दूसरों की पैसे से सहायता करता है|
तो भगवान इस व्यक्ति को बहुत सारा पैसा दे देता है और नेगेटिव बोलने वाले व कोसने वाले लोगों से छीन लेता है|
ध्यान रखना आप जो बनना चाहते हैं उसके बारे में सोच, व आपके कार्य आपके बनने के हिसाब से होना चाहिए तो आपको बताना चाहूंगा कि आप 100% गारंटी के साथ सफलता प्राप्त कर लेंगे|
अगर आपके GOAL कुछ और है और आप सोच कुछ और रहे हैं तो आप बोल और कुछ रहे हैं और कर कुछ रहे हैं तो इस ब्रह्मांड की शक्ति हमेशा कंफ्यूजन में रहेगी कि इस बंदे या बंदी को क्या चाहिए और ब्रह्मांड या भगवान आपको कुछ भी नहीं देगा और आप अपने फॉलोअर्स को किसी दूसरे पर दोष माड़ोगे, किस्मत को गाली दोगे और आस–पास के लोगों को दोष दोगे|
सच तो यह है कि आपको पता ही नहीं है आप चाहते क्या है और आप प्राप्त क्या करना चाहते हैं?
उदाहरण के लिए ज्यादातर लोग सबसे ज्यादा शादी के बारे में कंफ्यूज रहते हैं कि उन्हें वर्किंग लड़की चाहिए या हाउसवाइफ या फिर उन्हें घरेलू लड़की चाहिए कि मॉडल लड़की जब वह किसी मॉडल लड़की को देखते हैं तो बोलते हैं कि ऐसी लड़की चाहिए जब संस्कारी बहु देखते हैं तो बोलते हैं संस्कारी बीवी चाहिए|
ऐसा ही लड़कियों के साथ होता है कि मैं लव मैरिज करूं कि अरेंज मैरिज करूं घर वालों के हिसाब से लड़का पसंद करूं कि अपनी पसंद का लड़का देखु मुझे प्यार करने वाला लड़का चाहिए कि एक बहुत अमीर लड़का चाहिए|
सबसे बड़ी शादी की समस्या यह है की शादी करूं कि नहीं करूं की जिंदगी भर कुंवारा या कुंवारी रहूं|
तो होता क्या है कि ब्रह्मांड या भगवान आपकी कोई सहायता नहीं कर पता है क्योंकि भगवान को पता ही नहीं चलता की शादी के बारे में आप चाहते क्या है और ज्यादा रिश्तो में आजकल दरारें आ रही है रिश्ते टूटते जा रहे हैं डिवोर्स रेट बढ़ा रहे हैं इसका सबसे बड़ा कारण है कि लोगों को पता ही नहीं की शादी के पहले क्या चाहिए और शादी के बाद हस्बैंड को वाइफ से क्या चाहिए और वाइफ को हस्बैंड से क्या चाहिए
कुछ लोग बोलेंगे कि या तो सिंपल है कि फिजिकल रिलेशनशिप चाहिए तो मैं आपको बताना चाहूंगा कि आप शादी सिर्फ समाज के डर व फिजिकल रिलेशनशिप के लिए करते हैं तो आपकी शादी के बारे में मानसिकता ही गलत है शादी सिर्फ इतना सा कार्य नहीं है|
शादी एक पवित्र बंधन है जो एक मनुष्य को पूर्ण बनाता है और इंसान अगर वह लड़का है तो वह लड़की के बिना अधूरा होता है अगर लड़की है तो वह लड़के के बिना अधूरी होती है|
क्योंकि हमारी प्रकृति ने लड़का और लड़की को इस प्रकार से सुरक्षित बनाया है कि जब इन दोनों का प्रेम सद्भाव प्यार एक दूसरे की देखभाल एक दूसरे का ध्यान रखना और अपना संपूर्ण जीवन साथ में जीना|
जैसे प्रकृति के हिसाब से कुछ काम ऐसे हैं जो एक लड़की ही कर सकती है जैसे कि एक मकान को घर बनाना सिर्फ और सिर्फ लड़की कर सकती है मकान आदमी बना सकता है उस मकान में घर की आत्मा डालना लड़की कर सकती है|
अगर विश्वास नहीं है तो उस घर को जाकर देख लो जिस घर में आदमी–आदमी या फिर लड़के–लड़के रहते हैं तो आपको अंदर घुसकर आईडिया लग जाएगा कि बस यह तो मकान है सिर्फ चार दीवारें खड़ी है|
हमेशा इंसान को जो भी कार्य करना है उसके बारे में एक जैसी सोच एक जैसे विचार एक जैसे कार्य करें तो यह ब्रह्मांड का नियम है कि आपको सफलता जरूर मिलेगी|
उदाहरण हम महाभारत की पूजनीय श्री मती द्रोपति जी का लेता हूं उन्होंने तपस्या करके भगवान शंकर से वरदान मांगा कि मेरा पति बलशाली सुंदर हो धनुषधर हो सत्यवादी हो भविष्यवादी हो तो शंकर जी ने बोला बेटा इतने सारे अच्छे गुण एक पति में मिलना आसान नहीं होगा तो द्रौपदी जी ने बोला नहीं चाहिए मुझे शंकर जी ने वरदान दे दिया|
तो यह पांचो गुण सिर्फ और सिर्फ कर्ण में पाए जाते थे कर्ण सत्यवादी था बलवान था पांचो पांडव को हराया था सुंदर था धनुषधर था अर्जुन से अच्छा था और भविष्यवादी भी था|
कर्ण द्रोपती का सच्चा पति बनने का हकदार था और द्रौपदी विवाह की प्रतिज्ञा रखी गई थी आप पानी में नीचे देख कर ऊपर चलती हुई मछली की आंख को भेदना है और कर्ण यह कार्य बड़े आसानी से कर लेता है जब कर्ण अपना धनुष बाण लेकर मछली की आंख भेदने चला तो द्रौपदी जी ने उसको यह कहकर रोक दिया कि मैं शुद्ध पुत्र नीची जाति से शादी नहीं करूंगी यह कृष्ण जी ने बात कर द्रौपदी से बुलवा दी|
तो एक महान व्यक्तित्व वाला महान बलशाली व्यक्ति कर्ण उस प्रतियोगिता से अलग हो गया यहां पर बताने की कोशिश की द्रोपदी के मांग और सोच व बोल में अंतर हो गया इसलिए कर्ण नहीं मिला|
पर शंकर जी का दिया हुआ वरदान खाली नहीं जा सकता था अर्जुन ने धनुष तोड़ा और घर जाकर बाहर से आवाज़ लगाई की मां आज एक चीज लेकर आया हूं तो मां कुंती ने अंदर से ही बिना देखे जवाब दे दिया कि आप पांचो भाई आपस में बांट लो|
जब जाकर द्रोपती के पांच पति बने और द्रौपदी जी ने जो मांगा था वह सब पांच पतियों को मिलाकर मिला जैसे युधिष्ठिर सत्यवादी,अर्जुन धनुषधर, भीम बलवान, नकुल सुंदर, सहदेव भविष्यवादी पांचो को मिलाकर द्रोपती की वरदान की मांग पूरी हो गई|
अगर आप अपनी सोच व शब्द और क्रिया को SYNC में रखो तो आपको मन चाहा जो मांगोगे वह आपको मिल जाएगा यह ब्रह्मांड का नियम है|
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