लोगों के अपने दोस्तों के साथ घनिष्ठ और प्यारे संबंध क्यों होते हैं कंपेयर टू अपनी फैमिली मेंबर के साथ|

हम सभी का कोई न कोई दोस्त जरूर होगा और दोस्तों के साथ हम अपनी हर बात शेयर कर पाते हैं और हर चीज दिल खोल कर बता पाते हैं चाहे बात अच्छी हो या बुरी हो या किसी भी प्रकार की किसी भी तरह की हो हर बात अपने दोस्तों को बता पाते हैं|

जबकि ऐसा हम अपने भाई बहन माता-पिता या चाचा चाचा या कोई अन्य सदस्य के साथ नहीं कर पाते हैं हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ हमेशा ही सोच समझ कर बातें करते हैं हम ध्यान रखते हैं कि कौन सी बात बताना है कौन सी बात नहीं बताना है और क्या बोलना है क्या नहीं बोलना है परिवार में बात करते वक्त दिमाग में बहुत सारी कंडीशन लगाकर हम अपनी फैमिली मेंबर के साथ बात करते हैं|

सबसे बड़ा दोस्तों और परिवारों के बीच यह होता है कि परिवार वाले हमेशा से जजमेंटल होते हैं और दोस्त जजमेंटल नहीं होते हैं दोस्त आपको कभी नहीं बोलते तुमने यह अच्छा किया कि गलत किया घर वाले हमेशा हर बात बार-बार रोकते टोकते हैं जज करते हैं|

यही सबसे बड़ी बात होती है कि ज्यादातर माता-पिता भाई बहन या परिवार के अन्य सदस्य अच्छे दोस्त नहीं बन पाते हैं यही कारण भी है कि हमारे परिवार के लोग अच्छे दोस्त नहीं बन पाते हैं

जबकि दोस्त बहुत ही अच्छे दोस्त बन जाते हैं और हमारे दोस्तों के साथ घनिष्ठ संबंध बन जाते हैं|

मेरा भी पारिवारिक सदस्यों से एक सलाह व सजेशन है जब आपके बच्चे आपको कोई भी बात बताएं तो आप उस समय कोई भी सलाह न दें न ही उन्हें भला- बुरा बोले न ही उन पर चिल्लाएं धमकाएं न ही मार पीट करें इससे होगा यह की आप के बच्चे अपने दिल की बात हमेशा बताते रहेंगे और आपको पता चलता रहेगा कि आपके बच्चे किस दिशा में जा रहे हैं क्या कर रहे हैं और क्या सोच रखते हैं और आपके बच्चे आपके सबसे अच्छे दोस्त रहेंगे|

हां यह मां-बाप परिवार के अन्य सदस्यों का कर्तव्य भी होता है कि जब बच्चे कोई गलत दिशा में जा रहे हैं या गलत काम कर रहे हैं तो उन्हें सही रास्ते पर लाएं सही दिशा दिखाएं इसके लिए मां-बाप को तुरंत प्रतिक्रिया नहीं करना चाहिए जब बच्चे कुछ आपको बता रहे हैं तो आप बच्चों को जब बताएं जब वह हंसी मजाक के मूड में हो खुश हो जब उन्हें सलाह के रूप में बताएं न की डाटें न ही चिल्लाए न ही दोष दे आप जब सलाह देंगे तो ज्यादा संभावना है कि आपके बच्चे आपकी ज्यादा बात मानेंगे क्योंकि उन्हें आपकी बात कोई बोझ नहीं लगेगी जब चिल्ला कर गुस्सा कर कर या मारपीट के साथ बोलते हैं तो वह उस समय आपको दुनिया का सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं और आपकी सलाह गलत तरीके से लेते हैं और सबसे बड़ी बात की अगली बार से आपको बताना बंद कर देंगे और फिर आपको कुछ पता ही नहीं चलेगा और आप सोचते रहेंगे कि आपका बच्चा सुधर गया है सच्चाई तो यह है कि उसने आपको बताना बंद कर दिया है|

और इसका दुष्प्रभाव हो सकता है कि वह बाहर जाकर अपनी बात बताएं तो दुनिया के दूसरे लोग उसका गलत फायदा उठा सकते हैं|

उदाहरण के लिए अगर कोई लड़का बाहर किसी बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड के साथ शारीरिक संबंध बना लेता है और फिर वह घर पर बताता है कि आज यह कार्य किया है तो ज्यादातर परिवार या मां-बाप की क्या प्रतिक्रिया होगी सोचोलोग उसको मारेंगे पीटेंगे चिल्लायेंगे यहां तक की कुछ केसेस में पाया गया है की मां-बाप भाई ने मिलकर उस लड़की या लड़के को मार डाला|

जरा रुक कर सोचो यह कितना खराब तरीका है इस चीज को हैंडल करने का आप सोचो उस व्यक्ति ने अपना घर समझ कर अपनी बात शेयर कर दी इसलिए आपको पता चल गया वह व्यक्ति आपको नहीं बताता तो आपको पूरे जीवन में पता नहीं चलता जो चाहे वह करता रहता पर आपने उस समय प्रतिक्रिया करके आपको कोई बात नहीं बताया और पूरी कोशिश करेगा कि आपको कोई बात पता न चले|

जबकि परिवार वाले सदस्यों की प्रतिक्रिया सिर्फ इतनी होना चाहिए कि बस प्यार से सुनते और जब एक-दो दिन बाद या एक सप्ताह बाद सब नॉर्मल हो जाता तो उसको यह बताते कि बेटा बेटी या अन्य कोई रिश्ता की ऐसा करने से क्या क्या समस्याएं आ सकती हैं ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए इससे शादी से पहले या किसी व्यक्ति से फिजिकल रिलेशनशिप बनाने से क्या घाटे हो सकते हैं भविष्य में क्या दुष्प्रभाव आ सकता है तो मैं गारंटी से कह सकता हूं कि बच्चा आपकी बात अच्छे से मानता और उस बात पर अमल भी करता और आगे भी आपसे सलाह लेता रहता और अपनी बात भी बताता रहता आपके रिश्ते भी और मजबूत होते|

आज का युग टेक्नोलॉजी मोबाइल फेसबुक इंस्टा व्हाट्सएप का युग है आप घर पर बंद करके भी उनको नहीं रोक सकते हैं आप बस प्यार से समझा कर ही उनको रोक सकते हैं|

यही कारण है जब से बात अपने दोस्तों को बताता है तो सलाह मिलती है और परिवार वालों को बताता है तो रिजेक्शन और गली डंडे खाने पड़ते हैं इसलिए दोस्त से घनिष्ठ संबंध होते हैं|

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