आप अपने थॉट्स सोच पर विजय प्राप्त करके संसार पर विजय प्राप्त कर सकते हैं|

यह सच है कि हम जानते हैं हम अपने आसपास के लोगों को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं न ही हम Environment Circumstances को कंट्रोल कर सकते हैं|

तो हमारे हाथ में है कि हम अपनी सोच को कंट्रोल कर ले वह बहुत ही आसान काम है आप सोच कंट्रोल करके पूरे संसार पर विजय प्राप्त कर सकते हैं|

उदाहरण के लिए जब विश्व विजेता सम्राट सिकंदर भारत जीत कर वापस जा रहा था तो आपके देश के एक लोग ने उसको बोला था कि जब आप भारत जीत कर वापस आओ तो वहां से एक संत महात्मा या एक फकीर साथ में लेकर आ जाना तो जब सिकंदर जीत कर जा रहा था तो मस्त धूप में एक फकीर धरती पर अर्धनग्न सोया हुआ था तो सिकंदर ने उसको ले जाने के लिए अपने आदमी को भेजा तो उस भिकारी ने साथ आने से मना कर दिया तब सिकंदर आग बबूला हो गया और फकीर पर क्रोधित हो गया और बोला कि अगर आपने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया तो आपको यही काट दूंगा|

फकीर ने सिकंदर से पूछा आप मुझे अपने साथ ले जाकर मुझे क्या देंगे सिकंदर ने बोला कि तुझे अच्छे कपड़े दूंगा अच्छा भवन रहने के लिए दूंगा अच्छी अप्सराऐं दूंगा|

तो फकीर बोला तू सिकंदर मुझे क्या देगा तू अभी मेरे सामने भिखारी है तो फिर से सिकंदर को गुस्सा आता है और तलवार निकलता है कि अभी तुझे काट डालूंगा

तो भिखारी ने जवाब दिया किसे काट डालोगे यह शरीर को जो नश्वर है इसे कभी न कभी नष्ट होना ही है अगर तू मुझे जानता होता तो इतना रक्त पात नहीं फैला रहा होता तू बोल रहा है कि तू मुझे सुख सुविधा देगा तू सुन सिकंदर मेरी धरती मां मेरा विस्तर है इससे अच्छा बिस्तर संसार में किसी ने नहीं बनाया और मैं मस्त सूर्य भगवान की गर्मी में आनंद ले रहा हूं और आकाश भगवान जी मेरी छत है और मेरी सेवा हमेशा करते हैं और वायु देव हमें हमेशा पंखा चलाते हैं और तू बोल रहा है कि मुझे सुख सुविधा राजभवन देगा सुन तू मेरे सामने एक भिखारी है|

तो सिकंदर को समझ में आया कि यह भिखारी सही बोल रहा है भारत आज भी फल फूल रहा है इसकी सबसे बड़ी संपत्ति तो यहां की सोच व संत महात्मा है और सिकंदर उस फकीर के आगे नत मस्तक हुआ और उसे यह एहसास हुआ कि मैं नाम मात्र के लिए भारत विजेता या विश्व विजेता कहलाऊंगा यहां के लोगों व संत महात्माओं को यहां की सोच को कभी नहीं जीत सकता हूं|

मैं बताना चाहूंगा कि यहां पर उस फकीर की सोच पर विजय प्राप्त के कारण विश्व विजेता सिकंदर उस फकीर के सामने नतमस्तक हुआ और बिना फकीर को लिए अपने देश वापस लौट गया|

यह सच है कि अगर आप पर कोई चिल्ला रहा है क्रोधित हो रहा है अगर आपको उसे ग्रहण करें तो आपको फर्क पड़ेगा क्या फर्क पड़ेगा वह सामने वाला परेशान होता रहेगा|

सामने वाला लाठी डंडों से आपकी सारी हड्डियां तोड़ सकता है पर आपको कष्ट कभी भी नहीं पहुंचा सकता है कष्ट तो MIND की स्थिति है उदाहरण के लिए गांधी जी वर्षों जेल में रहने के बाद भी वह खुश रहे और देश को आजादी दिलवाई|

बाबा साहब अंबेडकर जी को हर पल पर अपमान मिला पर उन्होंने उस कस्ट को व अपमान को अपनी सोच के कारण ही महान बनने की सीढ़ी बनाया सोच ही है जो पत्थर को भगवान बना देती है सोच ही एक बच्चे को देवी बना देती है अगर आपने सोच पर विजय प्राप्त कर ली तो संसार पर विजय प्राप्त कर लोगे|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *