जिस प्रकार एक खुशबूदार फूल अपनी आखिरी सांस तक खुशबू देना बंद नहीं करता है उसी प्रकार हम इंसानों को अपनी आखिरी सांस तक सत्य, कर्म, परोपकार बंद नहीं करना चाहिए|

हम सभी जानते हैं अपने जीवन में देखा और पाया होगा कि किसी भी खुशबूदार फूल को लेकर देख ले जब तक उसकी आखरी सांस रहती है वह खुशबू देता रहता है जैसे जब हम पौधे से फूल तोड़ते हैं तो वह खुशबू देता है जब हम मंदिर पर चढ़ते हैं तब भी खुशबू देता है और जब मंदिर से उठाकर उस फूल से अगरबत्ती बनाई जाती है तो वह फूल अपने आप को जलाकर खुशबू देता है मतलब अपनी आखिरी दम व सांस तक खुशबू देता है|

हम इंसानों को भी फूलों से कुछ सीखना चाहिए हमें अपने जीवन में लगातार सत्य कर्म व परोपकार कार्य करने चाहिए अपने चारों तरफ खुशबू फैलाते रहना चाहिए जिससे वातावरण अच्छा शांत आनंदमय खुशबूदार बना रहे|

 हम सोचते हैं की सत्य कर्म करना या परोपकार करना कोई बड़ा काम है नहीं है भाई बस यह सब तो हमारी सोच पर निर्भर करता है अगर आप हर दिन पांच चीटियों को एक चुटकी आटा खिला दो यह उतना ही परोपकार हो गया जितना लोग पांच भूखे लोगों को खाना खिलाते हैं|

IAS के interview  मैं पूछा गया सवाल है कि एक रिक्शा चलाने वाला क्या हर दिन भंडारा कर सकता है?

ज्यादा लोग सोचेंगे नहीं कर सकता है वह बेचारा अपना व अपने परिवार का पेट बड़ी मुश्किल से भर पाता है दिन भर रिक्शा चलाने के बाद तो वह शाम का राशन लाता है तब जाकर उसका चूल्हा जलता है|

नहीं नहीं मित्रों ऐसा नहीं है एक रिश्ता चलने वाला हर दिन भंडारा कर सकता है भंडारी का मतलब है भूखी आत्मा को भोजन कराना|

वह रिक्शावाला हर दिन एक चुटकी या एक मुट्ठी आटा हर दिन चीटियों को खिला दे तो वह हर दिन भंडारा ही कर रहा है|

मैं अपना ही उदाहरण लेता हूं मैं हर दिन चीटियां पंछियाँ कबूतरों व गिलहरियों को दान व बिस्किट डालता हूं तो यह एक परोपकार ही हो रहा है वह मुश्किल से एक समोसे के बराबर 10 ₹15 हर दिन का खर्चा आता है पर सारे बच्चे कबूतर व गिलहरी हर दिन एक आवाज पर इकट्ठे हो जाते हैं और हमारे आस पास चह चह की आवाज करने लगते हैं और मुझे हर दिन बहुत अच्छा लगता है प्राउड महसूस होता है|

हर पल हर छड सत्य कर्म करना परोपकार करना बस एक MIND की स्थिति है इसके लिए पैसा होना जरूरी नहीं है|

अगर आप हर दिन चेहरे पर एक मुस्कान के साथ सुप्रभात बोलते हैं वह भी एक परोपकार ही है कि अपने सामने वाले के चेहरे पर मुस्कान ला दी|

अगर एक निराशा से भारी व्यक्ति के लिए आप थोड़ा सा प्यार से बात कर लो और उसे निराशा से निकाल दो और उसे आशा देना भी  भाई साहब बहुत बड़ा परोपकार है खाना खिलाने से कहीं ज्यादा बड़ा उपकार है|

अगर व्यक्ति आपके पास एक सलाह मांगने आता है और आप निस्वार्थ उस व्यक्ति को सही सलाह देते हैं तो वह भी एक बड़ा परोपकार ही है|

सुबह-सुबह किसी व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाना किसी एक अच्छे से मैसेज से एक परोपकार है

आप किसी व्यक्ति से प्यार से बात करके परोपकार कर सकते हैं|

आप अपने एंप्लॉई को आपके साथ कार्य करते हैं उनका ध्यान रखकर के उनसे प्यार से बात करके परोपकार कर सकते हैं|

आपको DAILY सर्विस देने वाले लोग जैसे सब्जी वाला पानी वाला मेड सफाई कर्मचारी आपका ड्राइवर आदि व्यक्तियों पर बस चिल्लाएं नहीं बस उनसे प्यार से बातें करें तो यह भी एक बहुत बड़ा परोपकार है और आपका पूरा स्टाफ आपको दुआएं देंगे|

सबसे बड़ी बात यह है कि आप अपने पूरे दिन और पूरा जीवन आनंद खुशी व दुआओं के साथ जियेंगे और आपको धरती पर ही स्वर्ग प्राप्त हो जाएगा|

सत्य कर्म करना व परोपकार करना बस मन की स्थिति है आप अपनी कैपेसिटी के हिसाब से कार्य चुने और परोपकार आज अभी से चालू कर दें|

 जैसे कोई बूढ़ा बुजुर्ग दिव्यांग व्यक्ति को रोड पार कराना भी आप परोपकार कर सकते हैं|

सबसे अच्छा परोपकार है जो कार्य आपको मिला है जैसी आपकी नौकरी पर जो कार्य मिला है उसे अच्छे ईमानदारी से करो तो सबसे बड़ा परोपकार है कि अपना कर्म ईमानदारी से कर रहे हैं|

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