Note: मैं आरक्षण का विरोध नहीं कर रहा हूं मैं आरक्षण का सपोर्ट करता हूं बस शर्त यह है कि इसका लाभ जरूरतमंद मजदूर, किसान व गरीब व्यक्ति के बच्चों को मिलना चाहिए ना कि अमीर व्यक्ति व अमीर बच्चों को|

                                              मेरा उनसे सवाल है

                              जो लोग भी सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के oppose/ विरोध कर रहे हैं| 

क्या आप सच में आरक्षण का मतलब जानते हैं। जब बाबा शाहब ने इसका प्रावधान संविधान में किया था| 

इसका मुख्य कारण है कि अछूत, अस्पर्श, अर्थहीन, घनहीन, सामाजिक विहीन व्यक्ति/व्यक्तियो सबके समान अधिकार और सम्मान दिलाना है।

आज आरक्षण लागू हुये 75 साल हो गए और आरक्षण का लाभ लेकर आगे बढ़ गए हैं और अच्छी तरह, समान अधिकार व सम्मान से रह रहे हैं।

उन लोगो को अब आरक्षण के लाभ से बाहर करना है जिन लोगो को 2-3 पीढ़ियों से आरक्षण का लाभ मिल चुका है उन लोगो को आरक्षण के लाभ से क्यों बाहर नहीं होना चाहिए।

यहां पर कृपया आप लोग जो विरोध कर रहे हैं उन्हें दोबारा सोचना चाहिए।

मैं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का समर्थन इसीलिये कर रहा हूं क्योंकि जब से लगभाग 10 साल से इस बारे में सोचता था कि जिन लोगो को एक बार आरक्षण लाभ मिल गया उनको दोबारा नहीं मिलना चाहिए।

जिससे उन मजदूर, किसान, गरीब व्यक्ति और व्यक्ति के बच्चों को आगे बढ़ने का मौका मिले ।

अगर सुप्रीम कोर्ट यह नहीं करता है तो देखा जाये unofficially आरक्षण खत्म हो ही गया है क्योंकि आरक्षण का लाभ उन व्यक्तियों के बच्चे ले रहे हैं जिनकी 2-3 पीढ़ियां आरक्षण का लाभ पहले ले चुकी हैं क्योंकि उनके या उनके बच्चे के पास पर्याप्त मात्रा में अपने बच्चों को कॉलेज/स्कूल/कोचिंग में पढ़ाने के लिए पर्याप्त ज्ञान व धन उपलब्ध है| और फिर इन्ही लोगो के अच्छे आरक्षण का लाभ लेकर अच्छे/top कॉलेज,IIT,NIT,IITM,IIM, Central government university में एडमिशन ले लेते हैं और सारी Top Jobs, सेंट्रल गवर्नमेंट जॉब, स्टेट गवर्नमेंट की जॉब प्राप्त कर लेते हैं और गरीब, किसान व मजदूर का बेटा/बेटी हमेशा पीछे रह जाते हैं क्योंकि गरीब, किसान व मजदूर का बेटा/बेटी को आर्थिक सुविधा व ज्ञान के आभाव मैं पीछे रह जाते हैं और अच्छी पढाई, अच्छा enviroment, अच्छी Guidence, नहीं मिल पाती है और उस व्यक्ति को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है और वह व्यक्ति गरीब का गरीब रह जाता है और मजदूर का बेटा मजदूर रह जाता है और किसान का बेटा किसान रह जाता है|

सुप्रीम कोर्ट ने भी ऑर्डर में कहा है कि एक सफाई करने वाले व्यक्ति के बच्चे व एक फर्स्ट क्लास के व्यक्ति के बच्चे व IAS Officer  व्यक्ति के बच्चे में कुछ तो अंतर होता है|

मैं एक उदाहरण से समझाने की कोशिश करता हूं कि अभी दो-तीन साल पहले टीना ढ़ावी का IAS Officer बनने का मामला मीडिया में उजागर हुआ था|

मेरा सवाल यह है कि टीना डाबी को एक आरक्षण क्यों मिलना चाहिए जबकी उनके पिताजी वर्तमान में एक IAS अधिकारी हैं और टीना ढ़ावी की माता जी ने IAS अधिकारी के पद से VRS लिया था | अपनी बच्चियों को IAS बनाने के संकल्प के लिए

 मैं एक अपने पर्सनल एक्सपीरियंस से समझने की कोशिश करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट का Order SC/ST समाज में बदलाव लाने के लिए अति महत्वपूर्ण है|

मेरे साथ एक मेरे रिश्तेदार पढ़ाई कर रहे और वह टीचर एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं और वह एक मजदूर के बेटे हैं और वह बहुत मेहनती,ईमानदार और लगनशील व्यक्ति है और लगभग तीन-चार साल से एग्जाम निकालने की कोशिश कर रहे हैं पर वह हमेशा दो-चार नंबर से एग्जाम क्लियर करने से रह जाते हैं और जो 2-3 पीढ़ियों से आरक्षण ले रहे हैं उनके बच्चे उन JOB को प्राप्त कर लेते हैं और मजदूर व किसान गरीब का बेटा पीछे रह जाता है|

मेरी बुद्धि, विवेक, सोच व समझदारी के हिसाब से हमें सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण के संशोधन के निर्णय को सपोर्ट करना चाहिए क्योंकि यह तो सपना बाबा साहेब का भी था कि अधूत, गरीब, शोषित, वंचित, मजदूर के बेटे व बेटियों को समान अधिकार व सम्मान मिले न कि जो अमीर व अधिकार प्राप्त कर चुके लोगों को ही हमेशा और अमीर बनाते रहें|

ध्यान रखने वाली बात यह है कि सरकार चाहे BJP की हो या फिर कांग्रेस की हो पर इस sensitive मुद्दे को कभी भी टच नहीं करेगी चाहे अगले 100 वर्ष हो जाए क्योंकि सबको अपनी सरकार दुबारा बनाना है और वह लोग कभी भी ST/SC आरक्षण में सुधार नहीं करेंगे|

 यह सिर्फ और सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही कर सकता है और सुप्रीम कोर्ट ने यह एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है और उसको हमें सपोर्ट करना चाहिए SC/ST में आज कुछ लोग बहुत मजबूत स्थिति में खड़े हैं उन्हें अब आरक्षण की जरूरत नहीं है.

Author: Arvind Kumar

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