आज का युग दिमाग वालों का युग है बल और पैसे वालों का युग समाप्त हो चुका है|

एक समय था जब कहावत थी कि जिसकी लाठी उसकी भैंस मतलब जिस व्यक्ति के पास बल है वह ही समाज और लोगों पर राज करेगा और अपने अधिकार मनवाएगा व अपनी मनमानी करेगा|

और यह युग राजा महाराजाओं के काल  का समय था और वह लगभग सन 1950 में समाप्त हो गया|

और फिर समय आया कि जिसके पास पैसा होगा वह ही सारे कार्य करेगा व राज करेगा और मनमानी तरीकों से जो कार्य करना चाहे कर सकता था|

जैसे कि हमें स्वतंत्रता के बाद 1960 से 1970 के दशक में देखने को मिलने लगा कि लोगों में पैसा इकट्ठा करने व अपने अधिकार व राज जमाने जैसे कार्य चालू कर दिए और 1980 से 1990 के दशक में और कांग्रेस के राज में सारे राजा महाराजाओं के बल तो खत्म हो गए पर उन्होंने पैसे का उपयोग करना चालू कर दिया|

पर जब भारत व पूरे विश्व में वैश्वीकरण, globalization, उद्योगिकीकरण का युग 1990 से प्रारंभ हुआ तो,

समाज में बुद्धिमानी वर्ग था वह उभर कर आया और बुद्धिमानी वर्ग को बहुत सारे अवसर मिले और उन्होंने अपनी बुद्धि का उपयोग करके महान प्रदर्शन किया और महान कार्य जैसे बहुत सारी कंपनियां इतनी बड़ी हो गई जो दो-चार युवा लोगों ने बिना किसी पिछली सहायता के बने और आज इतनी बड़ी पैसा में हो गई जितनी पुराने राजा महाराजाओं राजनेताओं अभिनेताओं व अभिनेत्री की संपत्ति से काफी  ज्यादा अधिक है|

और सन 2000 से अभी नई युवा पीढ़ी सिर्फ अपनी बुद्धिमत्ता के कारण लाखों, हजारों, करोड़ों रुपए की कंपनियां 5-10 साल में बना कर स्थापित कर दी और इससे सिद्ध होता है कि आज का युग और आने वाला युग बुद्धिमता व ज्ञान का युग  है और मत, बल व पैसे का युग समाप्त हो गया है|

आज जो बुद्धिमानी, telented, creative होगा वह आगे बढ़ेगा और वही पैसा काम आएगा और वही आगे चलकर राज करेगा|

क्योंकि बुद्धिमत्ता वह ज्ञान के कारण ही आज के दिनों सरकार प्राइवेट कंपनियों के हिसाब से बहुत हद तक कंट्रोल हो रही है|

और कुछ देशों में वहां की गवर्नमेंट पॉलिसी निर्माण में अहम भूमिका निभा रही है और सरकार नए युवा व बुद्धिजीवी वर्ग को सम्मान व भागीदारी देने के लिए मजबूर हुई और आज के समय में बुद्धिमानी टैलेंटेड क्रिएटिव मन को सम्मान मिल रहा है और उनकी सभी मंचों चाहे वह प्राइवेट हो या सरकारी या फिर किसी संस्था विशेष की मंच हो सभी पर सम्मान व पहचान दिलाने व बुलाने की होड़ लग गई है|

और आज का युग बुद्धिमानी टैलेंटेड वह क्रिएटिव माइंड का युग है|

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