जिंदगी में दुश्मनों का होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना दोस्तों का होना है|
जीवन में जिस प्रकार आपके दोस्त आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं उसी प्रकार आपके दुश्मन आपको मजबूत, सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
जब आपके दुश्मन होते हैं तो आप ज्यादा सतर्क ज्यादा मेहनत और ज्यादा सफल होने के लिए महत्वपूर्ण कार्य महत्वपूर्ण योजना और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं जिससे आप अपने दुश्मन को हरा सके और आप उससे आगे निकल सके और सबसे बड़ी बात यह होती है कि आप हर पल हमेशा सतर्क रहते हैं और आप अपने आप को निरंतर अच्छा बनाने का प्रयास करते रहते हैं क्योंकि आपके दिमाग में हमेशा यह रहता है कि दुश्मन कब आक्रमण कर दे और आपके हारने की कोशिश करेगा तो आप हमेशा हारने से बचने के लिए हमेशा आप अच्छे शक्तिशाली मित्र बनाते हो धन एकत्रित करते हैं उदाहरण के लिए हम अपने देश भारत का उदाहरण लेते हैं|
जैसे हम जानते हैं कि हमारे पड़ोसी देश चीन पाकिस्तान के साथ सही रिश्ते नहीं है और चीन भारत पर आक्रमण कर सकता है तो भारत की नीतियों में हमेशा इन देशों को tackle करने और अपने आप को शक्तिशाली बनाने वाली नीतियां बनाई जाती है|
जैसे कि हम दो शक्तिशाली देश U.S. और Russia के साथ संबंध बनाए और दोनों देशों से मित्रता कर रहे हैं और नए मित्र देशों की तलाश कर रहे हैं और अपनी रक्षा सामग्री और सेना को मजबूत करना और मजबूत in, frastructure बनाना जैसे महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं नेहरू जी के कार्यकाल में भारत ने चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध वह चीन भारत भाई–भाई का नारा देकर बड़ी गलती कर दी और नेहरू जी मानते रहे कि चीन हमारा मित्र देश है और अन्य नेता बताते रहे कि चीन गद्दारी और युद्ध की तैयारी कर रहा है और अंततः भारत ने युद्ध का प्रतिकार वह युद्ध लड़ने के जरूर सामान की व्यवस्था नहीं और सबसे बड़ी बात यह थी कि हमारे प्रधानमंत्री युद्ध के समय अपनी दोस्ती की महत्वपूर्ण भावना को भुला नहीं पाए और चीन से युद्ध हार गए और इस हार का एक बड़ा कारण नेहरू जी की मृत्यु का कारण बना
अतः हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि दुश्मन हमें आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और आपको हमेशा आगे बढ़ने व सतर्क रहने के लिए मजबूर करते हैं इसलिए आज भारत देश अर्थव्यवस्था राजनीतिक संबंध अन्य देशों के साथ वह विश्व पटल पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जरूरी कदम उठाए और विश्व पटेल पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें और चीन और पाकिस्तान को विश्व पटल में अलग करें और चीन की विस्तार पूर्ण योजना का विश्व पटल पर विरोध करें और चीन को अकेला रहने को मजबूर करें|
इस पहल का अभी दो–तीन साल से असर पढ़ने लगा है बहुत सारी MNC companies चीन को छोड़कर या फिर नया office India मैं बना रही है और चीन को छोड़ रहे हैं|
एक उदाहरण में अपना लेता हूं जब मैं 12th पास करने के बाद घर से बाहर शहर पढ़ाई करने के लिए गया तो|
हमारे दूर की परिवार के लोग जानते थे कि अगर अरविंद ने बाहर जाकर पढ़ाई पूरी कर ली तो जरूर आगे बढ़ जाएगा क्योंकि अभी भी बुद्धिमान और तेज है तो इन लोगों ने मिलकर मेरे पिताजी को भड़काने का कार्य किया और जैसे ही मैं एक महीने बाहर रह पाया और इन लोगों ने मेरे पिताजी को भड़काया की वहां पढ़ाई नहीं कर रहा है मस्ती कर रहा है| आप यही बने रहोगे और अरविंद वहां बिगड़ जायेगा आदि जैसी बातें मेरे पापा को बोला और एक किसान होने के नाते बहुत सीधे और सरल है और वह इन लोगों की बातें सच मान ली और जब मैं 12th अगस्त 2007 रक्षाबंधन पर घर आया और यह सब सुनने को मिला और पापा जी मेरे ऊपर बहुत नाराज हुए और मुझे पैसा देने और मुझे पढ़ने से मना कर दिया और बोले आप घर आकर रहो नहीं पढ़ना है और शादी करो मैं थोड़ा परेशान हुआ ऐसा क्यों बोल रहे हैं और अभी तक तो ऐसा कभी भी नहीं बोला और ना ही कई संदेह किया मुझ पर और फिर थोड़ा बात चीत करने के बाद पता करने के बाद कि यह सोच कैसे आयी और मैं पढ़ाई के अलावा कुछ कर भी नहीं रहा हूं सिर्फ पढ़ाई कर रहा हूं|
दो-चार दिन बातचीत करने के बाद और समझदारी भरे निर्णय लिए और पढ़ाई के लिए चला गया पर यहां पर मेरा पूरा एक महीना घर पर निकल गया पर जो लोग थे और दुश्मनी भरा कार्य कर रहे थे उन्होंने मुझे पूरी जिंदगी भर के लिए बहुत अच्छा पाठ पढ़ाया शायद यह मैं जिंदगी भर नहीं सीख पाता और मैं आज तक कोई ऐसा मौका नहीं दिया कि मुझे मेरे पापा के सामने गलत सिद्ध कर पाए और अपनी बात सच कर पाए और जिंदगी भर सतर्क रहा और जिन जिन कार्यों को इन लोगों ने मेरे पापा से बोला था उन कामों से दूर रहा और इन लोगो दुश्मनी भरी बातें करके मुझे जिंदगी में आगे बढ़ाने का कार्य किया और हमेशा सतर्क व सत्संग रहना सिखाया और हमेशा आगे बढ़ते रहने जैसे कार्य के लिए प्रेरित किया|
अंततः आपको निरंतर आगे बढ़ने व सतर्क, ससंग रहने के लिए दुश्मनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और यह होना भी जरूरी है|
मैं भारतीय इतिहास से दो उदाहरण और लेता हूं|
- राम रावण संबंध:- यहां पर बताना चाहूंगा कि राम का रावण जैसा दुश्मन नहीं होता तो आज राम को कोई नहीं जानता अगर राम को आज भी जाना व पूजा जाता है इसमें सबसे बड़ा कारण है रावण जैसा शक्तिशाली, बलशाली, बुद्धिमानी दुश्मन होना जिसे राम ने हराया और इस वजह से राम को आज पूजा व जाना जाता है|
- महाभारत:- अगर पांडवों का दुर्योधन जैसा दुश्मन नहीं होता तो शायद ही आज पांडवों को जाना जाता और ना ही महाभारत का जन्म हुआ होता और ना ही श्री कृष्ण जी को इतनी ख्याति मिलती क्योंकि दुर्योधन ने पांडवों को हारने का संभव प्रयास किया और तब जाकर महाभारत जैसे युद्ध की संभावना पैदा हो पाई|
इन दो उदाहरण से मैं कह सकता हूं कि आपको यह समझ आ गया होगा कि आगे बढ़ाने में दुश्मनों का होना अति महत्वपूर्ण योगदान होता है|