हमने अपने खाने में शाकाहारी वेजीटेरियन फूड ही क्यों चुना?

जैसे हम जानते हैं हमारा शरीर पांच तत्व जलवायु आकाश पृथ्वी अग्नि से मिलकर बना है और जो वेजीटेरियन फूड है वह भी इन्हीं पांच तत्वों अग्नि जलवायु आकाश धरती से मिलकर बनता है|

आप थोड़ा गौर करके देखोगे तो पता चलेगा कि जो भी शाकाहारी भोजन हमें प्राप्त होता है या हम खाते हैं वह भी जब उगता है तो धरती में बीज था फिर उसमें पानी दिया जाता है खुले आसमान बादल के नीचे होता है और सूर्य के द्वारा अग्नि प्राप्त होती है तो जो शाकाहारी भोजन पांच तत्वों से मिलकर ही बनता है जिन पांच तत्वों से मिलकर हमारा शरीर बना है

जैसे हम जानते हैं कि अगर एक बर्तन में दूध है और दूसरे बर्तन में भी दूध है अगर दोनों को एक साथ मिला दो आसानी से घुल मिल जाते हैं उसी प्रकार से हमारा शरीर भी पांच तत्वों से मिलकर बना हुआ होने के कारण व शाकाहारी भोजन भी पांच तत्वों से बना होने के कारण शाकाहारी भोजन हमारे शरीर में आसानी से घुल मिल जाता है और आसानी से एडजस्ट हो जाता है|

इसीलिए हमारे शरीर की बनावट भी शाकाहारी भोजन के हिसाब से बनी है और हमारे भारतीय संस्कृति ने हमेशा से शाकाहारी भोजन की ही वकालत की है और शाकाहारी भोजन को ही बढ़ावा दिया है|

जब आप शाकाहारी भोजन का सेवन करते हैं तो आप अधिक स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करते हैं और बीमारियों से दूर रहते हैं|

आज के समय में हमारी बहुत सारे क्रिकेटर जैसे विराट कोहली वेजीटेरियन फूड की डाइट ले रहे हैं और उसी पर अपने आप को फिट रखे हुए हैं और अपना करियर का बेस्ट परफॉर्मेंस दे रहे हैं और वेजिटेरियन डाइट के लिए कोहली जी को 8 साल हो गए हैं|

हमारे माता-पिता और हमारे पूर्वज भी वेजिटेरियन डाइट का सेवन करते हुए बड़े आसानी से 100 साल या उससे अधिक साल का जीवन बहुत आसानी से बहुत अच्छे स्वास्थ के साथ जीवन यापन कर लेते थे|

सीधी सी बात है कि हमारा शरीर पूरा का पूरा प्रकृति के द्वारा रचित है अगर हम प्रकृति के साथ तालमेल के साथ रहेंगे तो ज्यादा खुश आनंद में रहेंगे हमारे ज्यादा खिलाड़ी वेजीटेरियन डायट का सेवन करते हैं खिलाड़ी कबड्डी जैसे खेलों को खेलते वक्त भी वह वेजीटेरियन डायट ही लेते हैं|

मैं भी अपने जीवन में हमेशा से ही वेजीटेरियन डायट लेता हूं और हमेशा अच्छा व स्वस्थ महसूस करता हूं और अपनी जिंदगी आनंद में और खुशी से जी रहा हूं|

मैं पूरी कोशिश करता हूं कि मेरा जीवन हमेशा प्रकृति के टच में रहे क्योंकि जब हम यह जानते हैं कि हमारा शरीर प्रकृति से ही बना है तो जब हम प्रकृति के टच में जाते हैं तो बहुत आनंद, खुशी महसूस होती है|

उदाहरण के लिए ज्यादातर शहर के लोग पहाड़ियों में समुद्र किनारे या किसी पर्वत पर छुट्टियां मनाने जाते हैं तो वहां पर प्रकृति के बहुत करीब होते हैं वहां पर उन्हें सुंदर हरे-भरे पेड़ स्वस्थ वायु खुला आसमान शुद्ध जल शुद्ध धरती माता प्राप्त होती है तो वह सब लोग बोलते हैं कि मुझे वहां पर बहुत आनंद आया और मेरी पूरी फैमिली ने वहां पर इंजॉय किया और वहां पर समय बहुत अच्छा बीता और सभी को बहुत खुशी हुई और अगर आगे समय मिला तो जरूर आगे भी जाऊंगा|

जबकि हमें अभी बड़े-बड़े मेट्रो शहरों में शुद्ध वायु का अभाव शुद्ध पानी का अभाव शुद्ध खाने का अभाव जैसी तमाम समस्याओं का सामना करने के कारण मेट्रो सिटी के लोगों की आयु में कम से कम 8 -10 साल की कमी आ गई है अगर पहले वह 70 साल जीते थे तो अब वह 60 – 62 साल ही जीते हैं|

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